Breaking News :

  • December 26, 2024

कामधेनु विश्वविद्यालय में बकरी पालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास प्रशिक्षण का शुभारंभ

तोपचंद न्यूज़ डॉट कॉम 27 जुलाई 2023 : दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति एवं संभागायुक्त दुर्ग श्री महादेव कावरे (आई.ए.एस.) के मार्गदर्शन व मुख्य आतिथ्य तथा अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी के कुशल नेतृत्व में पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा के तत्वाधान में बकरी पालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास में 26 जुलाई को तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवणे, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.संजय शाक्य, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी, आयोजक डॉ.रामचंद्र रामटेके, समस्त विभागाध्यक्ष, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ की गरिमामय उपस्थिति रही।
इस अवसर पर कुलपति श्री कावरे ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आपकी आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार प्राप्ति हेतु एक सशक्त माध्यम सिद्ध होगा।  छत्तीसगढ़ के परिवेश में बकरी पालन एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है,  बकरी पालन मैदानी इलाकों में आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों की उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजकों को बधाई दी। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अधिष्ठाता डॉ.एस.के. तिवारी  ने अपने उद्बोधन में बताया कि हमारे देश में 20वीं पशुसंगणना के अनुसार बकरियों की कुल संख्या 14.8 करोड़ है जो कि विश्व की कुल बकरी संख्या का लगभग 25 प्रतिशत है बकरियों की संख्या के हिसाब से चीन के बाद भारत का द्वितीय स्थान है।  हमारे देश में बकरी पालन मुख्य रूप से मांस उत्पादन हेतु किया जाता है, लेकिन हमारे देश के कुल दूध उत्पादन में इनका लगभग 2प्रतिशत योगदान है।  हमारे देश में बकरियों की सर्वाधिक संख्या राजस्थान राज्य में है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में बकरियों की कुल संख्या 99.8 लाख है। मांस उत्पादन में सर्वाधिक योगदान पोल्ट्री के बाद बकरी का है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के दूरस्थ अंचल से लगभग 52 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया है, जिन्हें बकरियों की आवास व्यवस्था, स्वास्थ्य प्रबंधन, आहार प्रबंधन, प्रजनन व्यवस्था, बकरियों की प्रमुख नस्लों, रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, बकरी पालन हेतु शासकीय योजनाओं की जानकारी, बैंक से लोन, मार्केटिंग, प्रायोगिक प्रशिक्षण  एवं प्रक्षेत्रीय भ्रमण भी कराया जाएगा।  हमारे देश में बेरोजगार युवकों में कौशल विकास हेतु बकरी पालन स्वरोजगार हेतु किया जा सकता हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ.श्रद्धा नेटी एवं डॉ. आशुतोष तिवारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

Read Previous

मोटर पंप की टेस्टिंग व तत्काल डिस्पेज के लिए महापौर व जलकार्य प्रभारी पुणे पहुँचे

Read Next

भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रित परिवार हेतु

error: Content is protected !!