तोपचंद न्यूज़ डॉट कॉम 18 अगस्त 2024 : छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा और उद्योगों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के तत्वाधान मंे सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. एम.के. वर्मा की अध्यक्षता मंे संपन्न हुआ। एमओयू पर सीआईपीईटी रायपुर की ओर से डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार साहू एवं सीएसवीटीयू की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. अंकित अरोरा ने हस्ताक्षर किये। छात्रों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में सशक्त बनाना है। साथ ही पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक, पॉलिमर, केमिकल इंजीनियरिंग के अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के महत्व को पहचानना। इस एमओयू के द्वारा पहली बात प्रदेश में नवाचार, उद्यमिता और आजीविका सृजन को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स के को-इन्क्यबेशन की सुविधा को शामिल किया गया है, जिसके माध्यम से एक स्टार्टअप दोनों संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा। छात्रों को शोध और विकास के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान किए जाएंगे। सीएसवीटीयू और सीआईपीईटी के संयुक्त प्रयासों से छात्रों को अपने प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इससे छात्रों को न केवल उनके तकनीकी कौशल में वृद्धि होगी बल्कि उन्हें नए-नए प्रोजेक्ट्स के साथ उद्यमिता के क्षेत्र में प्रवेश करने का भी अवसर मिलेगा।
विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्लास्टिक टेक्नॉलजी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। संयुक्त रूप मंे दोनों ही संस्थान एक दूसरे के विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स एवं शोध कार्यों मे सहयोग करेंगे। इको फ़्रेंडली प्लास्टिक उत्पादों और कम लागत के पैकेजिंग विकल्पों का डिजाइन, विकास और विनिर्माण मे सहयोग किया जाएगा। सीएसवीटीयू अपने फाउंडेशन फॉर रुरल टेक्नॉलजी एण्ड आन्ट्रप्रनर्शिप (फॉर्ट) के माध्यम से छात्रों को उनके स्वयं के उद्यम शुरू करने में मदद करने के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इससे छात्र न केवल नौकरी चाहने वाले बनेंगे, बल्कि नौकरी देने वाले भी बन सकेंगे, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। यह पहल छात्रों को स्वावलंबी बनने और अपनी उद्यमशील क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेगी। विभिन्न कार्यशालाओं, सेमिनारों, और इंडस्ट्री विज़िट्स का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्र उद्योगों में होने वाली नवीनतम प्रगति से अवगत हो सकेंगे। यह छात्रों के लिए न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेगा, जिससे वे उद्योगों की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। राज्य में तकनीकी शिक्षा के विकास और उद्योगों के साथ तालमेल बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों को लाभ होगा बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के तकनीकी और औद्योगिक विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी। यह समझौता छात्रों को उनके कौशल और ज्ञान को उद्योग की मांगों के अनुरूप विकसित करने में मदद करेगा, जिससे वे भविष्य में विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।
विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्लास्टिक टेक्नॉलजी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। संयुक्त रूप मंे दोनों ही संस्थान एक दूसरे के विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स एवं शोध कार्यों मे सहयोग करेंगे। इको फ़्रेंडली प्लास्टिक उत्पादों और कम लागत के पैकेजिंग विकल्पों का डिजाइन, विकास और विनिर्माण मे सहयोग किया जाएगा। सीएसवीटीयू अपने फाउंडेशन फॉर रुरल टेक्नॉलजी एण्ड आन्ट्रप्रनर्शिप (फॉर्ट) के माध्यम से छात्रों को उनके स्वयं के उद्यम शुरू करने में मदद करने के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इससे छात्र न केवल नौकरी चाहने वाले बनेंगे, बल्कि नौकरी देने वाले भी बन सकेंगे, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। यह पहल छात्रों को स्वावलंबी बनने और अपनी उद्यमशील क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेगी। विभिन्न कार्यशालाओं, सेमिनारों, और इंडस्ट्री विज़िट्स का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्र उद्योगों में होने वाली नवीनतम प्रगति से अवगत हो सकेंगे। यह छात्रों के लिए न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेगा, जिससे वे उद्योगों की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। राज्य में तकनीकी शिक्षा के विकास और उद्योगों के साथ तालमेल बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों को लाभ होगा बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के तकनीकी और औद्योगिक विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी। यह समझौता छात्रों को उनके कौशल और ज्ञान को उद्योग की मांगों के अनुरूप विकसित करने में मदद करेगा, जिससे वे भविष्य में विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।